प्रश्न. नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करें – “इस तरह का लेखन खुले मैदान की तरह होता है, जिसमें बेलाग दौड़ने, कूदने और कुलाँचे भरने की छूट होती है।”
उत्तर : • नए और अप्रत्याशित विषयों के लेखन के संदर्भ में कहा जा सकता है कि लिखने का कोई फॉर्मूला आज तक दुनिया में नहीं बना है।
• जिस तरह के विषय दिए जा सकते हैं, वे हो सकते हैं- आपके सामने की दीवार, उस दीवार पर टंगी घड़ी, उस दीवार में बाहर की ओर खुलता झरोखा आदि-इत्यादि ।
• अर्थात् लेखन के लिए लेखक के पास विषय, सिद्धांत आदि की कोई सीमा नहीं होती है।
• लेखक की कल्पना, यथार्थ, आदर्श पर कोई बंधन नहीं होता है।