लेख : एक दिन माँ के नाम
सुबह-सवेरे आपको जगाने से लेकर रात को आपको सोने तक वह आपके लिए कुछ न कुछ करती रहती है।
माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, अपने बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेवारी को वह बखूबी निभाती है।
क्या आप बच्चों ने कभी माँ के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का, कर्त्तव्यों का एहसास किया है?
शायद नहीं।
आमतौर पर बच्चे माँ की ममता को मात्र जिम्मेदारी समझते हैं।
वे किसी भी रूप में कृतज्ञता प्रदर्शित करना जरुरी नहीं समझते, लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि किसी न किसी रूप में आपको माँ का शुक्रिया अदा करना चाहिए।
हालांकि माँ का प्रेम किसी तरह की कृतज्ञता नहीं मांगता, लेकिन यदि आप ऐसा कुछ करते हैं तो उसका मन गद्-गद् हो उठेगा।
कहते हैं कि ईश्वर हर जगह उपस्थित नहीं हो सकता था इसलिए उसने माँ को बनाया।
माँ के दिल की पावनता तथा आशीष की शक्ति की बराबरी कोई नहीं कर सकता।
अतः ईश्वर तुल्य अपनी माँ के प्रति अपनी-अपनी भावनाएँ व्यक्त करने का कोई अच्छा मौका ढूंढते रहिए।