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हिंदी सुविचार (Hindi suvichar)


एक कोमल मन से ज्यादा आकर्षक और कुछ नहीं हो सकता

परिस्थितियों को जाने बिना किसी के स्वभाव पर टिप्पणी करना पूरी तरह अनुचित है।

• हम जो सोचते और बोलते हैं वो नहीं, हम जो करते हैं, वही हमें परिभाषित करता है।

• खुदगर्जी को माफ करना ही अच्छा है क्योंकि इसके इलाज की कोई उम्मीद नहीं है।

यदि लक्ष्य स्पष्ट है, तो दूरी मायने नहीं रखती।

हर एक पल की अपनी खुशी और अपनी उम्मीद होती है।

आत्मज्ञान, परिपक्वता की तरफ पहला कदम है।

समृद्ध लोगों के लिए विनम्र होना बहुत मुश्किल है।

अपनी खुशी को पहचानना बेहद जरूरी है।

जेन ऑस्टेन