अट नहीं रही है : निराला
प्रश्न. किस कविता की अंतिम पंक्तियां आपको प्रभावित करती हैं और क्यों? तर्क सहित सपष्ट कीजिए।
उत्तर : निराला जी की ‘अट नहीं रही है’ कविता की अंतिम पंक्तियों
‘कहीं पड़ी उर में, मंद-गंध- पुष्प-माल
पाट-पाट शोभा, श्री, पट नहीं रही है।
ने मुझे बहुत प्रभावित किया। इसमें कवि ने फागुन मास में प्रकृति की सुंदरता का व्यापक, सजीव एवं चित्रात्मक वर्णन किया है। फागुन मास में प्राकृतिक सौन्दर्य अपने चरम पर होता है। पतझड़ में ठूंठ बने वृक्षों की डालियाँ वसंत ऋतु के आते ही हरे और लाल नव-पल्लवों और रंग-बिरंगे पुष्पों से लद जाती हैं। चारों ओर का वातावरण पुष्पों की सुगंध से सुवासित हो जाता है। रंग-बिरंगे सुन्दर फूलों से सजे वृक्षों को देखकर ऐसा लगता है मानो उनके गले में सुंदर पुष्पों की माला पड़ी हो। कवि की यह कल्पना बहुत प्रभावी बन पड़ी है।