अव्ययीभाव समास
अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)
अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound) : इसमें पहला शब्द प्रधान होता है और समास से जो शब्द बनता है, वह अव्यय होता है। समस्त शब्द के अव्यय रूप में उपस्थित होने के कारण इस समास का नाम अव्ययीभाव पड़ा है। संस्कृत में अव्ययीभाव समास में पूर्वपद अव्यय होता है और उत्तरपद संज्ञा या विशेषण; जैसे : भरपेट, यथासंभव, यथास्थान, यथायोग्य आदि। लेकिन हिंदी समासों में इसके अपवाद स्वरूप पहला पद संज्ञा तथा विशेषण भी देखा गया है; जैसे : हाथों-हाथ (हाथ संज्ञा), हर घड़ी (हर विशेषण)
अव्ययीभाव समास के अन्य उदाहरण :
आसमुद्र _ समुद्रपर्यंत
आजन्म _ जन्म से लेकर
आज्ञानुसार _ आज्ञा के अनुसार
यथाशक्ति _ शक्ति के अनुसार
यथानियम _ नियम के अनुसार
यथाशीघ्र _ जितना शीघ्र हो सके
यथोचित _ जितना उचित हो
प्रतिदिन _ दिन-दिन / हर दिन
प्रतिवर्ष _ वर्ष-वर्ष / हर वर्ष
भरसक _ पूरी शक्ति से
द्वार-द्वार _ हर एक द्वार
रातों-रात _ रात ही रात
हाथों-हाथ _ हाथ ही हाथ में
अनजाने _ जाने बिना
बेशक _ बिना संदेह
बेकाम _ काम के बिना
बेफायदा _ फायदे के बिना
सादर _ आदर सहित
आमरण _ मरण-पर्यंत
आजानु _ जानुओं (घुटनों) तक
यथाविधि _ विधि के अनुसार
यथासंभव _ जैसा संभव हो
यथासामर्थ्य _ सामर्थ्य के अनुसार
यथामति _ मति के अनुसार
प्रत्यक्ष _ आँखों के सामने
प्रत्येक _ एक-एक
भरपेट _ पेट भरकर
भरपूर _ पूरा भरा हुआ
घर-घर _ प्रत्येक घर
बीचों-बीच _ बीच ही बीच में
साफ-साफ _ बिल्कुल स्पष्ट
अनुरूप _ रूप के योग्य
बखूबी _ खूबी के साथ
बाकायदा _ कायदे के अनुसार
बेमतलब _ मतलब के बिना
निस्संदेह _ संदेह रहित