CBSEclass 7 Hindi (हिंदी)EducationHindi GrammarNCERT class 10thParagraphPunjab School Education Board(PSEB)निबंध लेखन (Nibandh lekhan)

निबंध लेखन : मनोरंजन के आधुनिक साधन


मनोरंजन के आधुनिक साधन


प्रस्तावना – मानव जब अपने नित्य-प्रति के परिश्रम से थक जाता है, तो उसे शांति की आवश्यकता होती है। मनोरंजन एक ऐसा माध्यम है, जिससे मनुष्य थोड़ी देर के लिए दूसरी ही दुनिया में पहुँच जाता है और दुखपूर्ण जीवन के क्षणों को भूल जाता है। यदि उसे मन बहलाने का कोई साधन नहीं मिलता, तो वह कोई-न-कोई आविष्कार करता है। मनोरंजन की यह प्रवृत्ति सभी व्यक्तियों में पाई जाती है। जब उसकी बुद्धि का विकास होता है, तो वह ललित कलाओं में भी मनोरंजन ढूँढ़ता है। जब उसके मन का पतन होता है, तो वह सुरापान और भोग-विलास से भी जी बहलाता है। प्रत्येक मनुष्य अपनी अभिरुचि के अनुरूप मनोरंजन की सामग्री ढूँढ़ता है। धार्मिक व्यक्ति नैतिक कथाओं से, साहित्यिक व्यक्ति उपन्यासों और कहानियों से तथा शारीरिक बल में अभिरुचि रखने वाला व्यक्ति खेल-कूद आदि से अपना मनोरंजन करता है ।

आधुनिक काल के मनोरंजन के साधन – टेलीविजन मनोरंजन के वैज्ञानिक साधनों में प्रमुख है। इसके द्वारा सबसे अधिक मनोरंजन होता है। इसके रहते मनोरंजन के लिए कहीं अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं रहती है। इसमें इतना आकर्षण है कि बालक – वृद्ध सभी इसकी ओर खिंचे चले आते हैं। इसके द्वारा गाने, वार्तालाप, कहानियाँ और कवि सम्मेलन के साथ ही साथ समाचार भी सुने जाते हैं।

चित्रपट भी मनोरंजन का एक प्रमुख साधन है। इसमें पर्दे पर बोलते हुए और चलते हुए चित्र प्रदर्शित होते हैं। इन चित्रों की चेष्टाएँ बिलकुल स्वाभाविक और सजीव होती हैं। प्राकृतिक दृश्यों की अवत्तारणा तो और भी कुशलता से की जाती है। संध्या, प्रातः, वर्षा, वन-उपवन और पर्वतों आदि के चित्र बड़ी ही चतुरता से दर्शकों के समक्ष अवतरित किए जाते हैं। इसके समक्ष नाटकों को लोग कुछ नहीं गिनते। संगीत और भाषण अत्यंत मनोरंजनकारी होता है। इससे अमीर और गरीब सभी का मनोरंजन होता है।

मनोरंजन में ललित कलाएँ पीछे नहीं हैं। ये मनोरंजन के सर्वोत्तम साधन हैं। मानव बुद्धि के उत्कर्ष के साथ-ही-साथ इन कलाओं की भी सृष्टि होती है। साहित्य से अत्यधिक आनंद प्राप्त होता है। कविता, कहानी और नाटकों के अध्ययन से चित्त को एक अपूर्व सुख प्राप्त होता है। संगीत का महत्त्व मनोरंजन में कम नहीं है। इसका प्रभाव सभी जीवधारियों पर पड़ता है। संगीत वाद्यों की मनमोहक तान से सभी मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं। संगीत की अमृतमयी स्वर लहरी से प्रत्येक मानव का हृदय स्पंदित हो उठता है।

मनोरंजन के साधनों में नृत्य का भी स्थान कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। उत्तम नृत्य तो आजकल देखने को कम मिलते हैं। हाँ, साधारण नृत्य कभी-कभी दिखाई पड़ जाते हैं। ग्रामीण जनता इनमें विशेष अभिरुचि लेती है; किंतु उच्च कोटि के लोग उत्तम नृत्यों को ही प्राथमिकता देते हैं। शतरंज, ताश और चौपड़ आदि घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों से भी पर्याप्त मनोविनोद होता है। बैडमिंटन आदि का भी यथेष्ट प्रचार है। इनमें शतरंज सबसे अच्छा समझा जाता है। शतरंज के खिलाड़ी खाना-पीना भी भूल जाते हैं। मैदान में खेले जाने वाले खेलों में हॉकी, फुटबॉल, वालीबॉल और क्रिकेट आदि प्रमुख हैं। इनसे भी पर्याप्त मनोविनोद होता है ।

उपसंहार – संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि मनोरंजन जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके अभाव में जीवन नीरस हो जाता है। उत्तम कोटि के साधनों से ही मनोरंजन करना चाहिए। इनसे चित्त में स्फूर्ति और आनंद का संचार होता है।