CBSEclass 7 Hindi (हिंदी)EducationHindi GrammarNCERT class 10thPunjab School Education Board(PSEB)

समरूपी शब्द : आमंत्रण और निमंत्रण


भिन्न हैं समरुपी शब्दों के अर्थ


हिंदी भाषा में कुछ शब्द समानार्थी लगते हैं किंतु उनके अर्थ में भिन्नता होती है। यानी कि समरुपी और समानार्थी प्रतीत होने वाले शब्द। ऐसे कई शब्द है जिनका इस्तेमाल हम अक्सर करते हैं परंतु गलत शब्दों का चुनाव करने के कारण वाक्य के मायने बदल जाते हैं या कई बार उनके मायने ही नहीं होते। जानिए समानार्थी लगने वाले शब्द और उनके बीच का अंतर :


आमंत्रण और निमंत्रण


दोनों शब्द समान लगते हैं और इतका अर्थ भी ‘बुलाना’ है। परंतु इन दोनों के बीच एक बारीक-सा अंतर है जो इन्हें एक-दूसरे से भिन्न बनाता है।

आमंत्रण शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है जब सामने वाले व्यक्ति का आना उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। यानी कि इसमें किसी प्रकार का बंधन नहीं है। मिसाल के तौर पर सामाजिक कार्यक्रम या सामूहिक कार्यक्रम जैसे जागरण या बैठक का आयोजन। आमंत्रण में औपचारिकता का भाव होता है।

निमंत्रण शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब सामने वाले व्यक्ति का आना अनिवार्य हो, मिसाल के तौर पर विवाह, भोज आदि। यह भावनात्मक होता है और अनौपचारिक भी। इसमें समय निर्धारित होता है, यानी कि दिए गए समय पर अतिथि के आने की अपेक्षा की जाती है। एक ऐसा समारोह जिसमें खासतौर पर भोजन या नाश्ते की व्यवस्था होती है।