कविता : भारत की खातिर जीना व मरना
भारत की खातिर जीना है।
भारत की खातिर मरना है
अब बस यही करना है।
खून बहाकर अपना हमें,
भारत माँ का दामन बचाना।
बापू के बनाए रास्ते पर चलकर,
हर भारतीय को महान बनाना।
देश के गद्दारों को बाहर कर,
अमन शांति को लाना है।
ऋषियों की पावन धरती को,
सदा ही स्वर्ग बनाना है।
शहीदों की अमर ज्योति को,
सदैव प्रज्जवलित रखना है।
मुश्किलों से मिली आज़ादी को,
एक सूत्र में बाँधकर रखना है।
देश को उन्नत करने की खातिर,
स्वयं को अर्पित करना है।
सब में अपनत्व की भावना हो,
एकता को बनाए रखना है।
भारत की खातिर जीना है,
भारत की खातिर मरना है
अब बस यही करना है।