30 जनवरी का इतिहास
30 जनवरी, 1948
30 जनवरी 1948 को शाम 5.15 पर जब गाँधी लगभग भागते हुए बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल की तरफ़ बढ़ रहे थे तो उनके स्टाफ़ के एक सदस्य गुरबचन सिंह ने अपनी घड़ी की तरफ़ देखते हुए कहा था, “बापू आज आपको थोड़ी देर हो गई.”
गाँधी ने चलते-चलते ही हंसते हुए जवाब दिया था, “जो लोग देर करते हैं उन्हें सज़ा मिलती है.”
फिर वे उन सीढ़ियों पर चढ़ने लगे, जो प्रार्थना के लिए बने मंच तक जा रही थीं। लोग हाथ जोड़कर गांधीजी का अभिवादन कर रहे थे और वे भी जवाब दे रहे थे। सीढियों से 25 फुट दूर एक फुट ऊंचा लकड़ी का वह आसन बना था जिस पर वे बैठते थे।
लोग उनके लिए जगह बनाते हुए एक तरफ हो रहे थे। अपनी जेब में रिवॉल्वर रखे हत्यारा (नाथूराम गोडसे) इस भीड़ में ही मौके का इंतजार कर रहा था।
गांधीजी मुश्किल से पांच या छह कदम ही आगे बढ़े होंगे कि उसने बहुत करीब से एक के बाद एक गोलियां तेजी से दाग दीं।
उनकी फौरन मृत्यु हो गई। वे पीछे गिर पड़े। उनके घावों से काफी मात्रा में खून बहे जा रहा था और इस घटना से मची भगदड़ में उनका चश्मा और खड़ाऊं न जाने कहां छिटक गए थे।
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने महात्मा गाँधी के बारे में कहा था कि आने वाली पीढ़ियों को यक़ीन ही नहीं होगा कि हाड़-माँस का ये व्यक्ति कभी पृथ्वी पर चला भी होगा।
30 जनवरी, 1972
इस दिन ब्रिटिश सेना ने आयरलैंड में प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलियां चलाईं थीं। इस घटना में 13 नागरिकों की मौत हो गई थी।
आयरलैंड में लंदनडेरी के बॉगसाइड जिले में ये गोलीबारी तब शुरू हुई, जब नागरिक अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे लोग मार्च पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन कर पुलिस के बैरिकेड पार कर गए।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन निकाल रहे इन लोगों की संख्या 10 हज़ार के करीब थी, जो बिना मुकद्दमा चलाए लोगों को हिरासत में लिए जाने की नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
गोलीबारी में 17 लोग घायल भी हुए थे, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। सेना ने दावा किया था कि उसके दो जवान इस घटना में घायल हुए थे।
इस घटना के बाद डबलिन में प्रदर्शनकारियों ने आक्रोश में आकर ब्रिटिश दूतावास को आग के हवाले कर दिया था। फिर उत्तरी आयरलैंड में नागरिक अधिकारों के लिए चल रहा अहिंसक आंदोलन खत्म हो गया।
अंग्रेजों द्वारा भीड़ पर गोलियां चलाने की सबसे भीषण घटना अमृतसर का जलियांवाला बाग हत्याकांड है। तब फायरिंग में 400 से अधिक लोग मारे गए थे।