28 जनवरी का काला दिन, जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई
28 जनवरी, 1998
इसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी रॉबर्ट पायस, जयकुमार, रविचंद्रन और नलिनी के साथ सन्तन, पेरारिवलन समेत 26 लोगों को सजा-ए-मौत सुनाई गई थी।
दरअसल लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के कहने पर श्रीलंका से आए कुछ हमलावरों ने तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को एक चुनावी रैली में बम हमला कर हत्या कर दी थी। इस मामले में 24 मई, 1991 को सीबीआई की स्पेशल टीम ने केस दर्ज किया।
घटनास्थल पर मिले सबूतों में एक कैमरा और उनकी तस्वीरें भी थी। जांच के दौरान करीब 100 लिट्टे समर्थकों ने साइनाइड खाकर जान दी थी। हत्याकांड का मास्टरमाइंड सिवरासन भी जान देने वालों में शामिल था।
सीबीआई ने 26 लोगों पर मुकद्दमा चलाया। अदालत का फैसला आने के बाद इन दोषियों ने दया याचिकाएं भेजी। जिसके बाद कइयों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था।
लंबी कानूनी लड़ाई से हत्यारे पेरारिवलन की माँ अयपुथम्मल हताश हो चुकी है। उन्होंने वेल्लोर जिला में बीते साल कहा था- “हम अब और जीना नहीं चाहते हैं।”