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25 जनवरी को मनाया जाता है भारत में ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ National Voters Day

25 जनवरी, 2011

इसी दिन पहली बार मतदाता दिवस मनाया गया था। ये दिवस चुनाव आयोग के 61वें स्थापना वर्ष पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने शुरू किया था।

भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाया जाने लगा।

इसके मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र 1 जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी।

इस सिलसिले में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाएंगे और उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान-पत्र सौंपे जाएंगे।

इस दिवस के दो प्रमुख विषय थे- समावेशी- गुणात्मक भागीदारी और कोई मतदाता पीछे न छूटे। चुनाव आयोग एक स्वायत्त, अर्ध न्यायिक, संवैधानिक निकाय है। इसके कामकाज में कार्यपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।

मतदान में भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने 2009 में सिस्टेमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन(Systematic Voters Education And Electoral Participation) अभियान शुरू किया था।

नेशनल वोटर्स डे के उपलक्ष्य में सरकार अलग-अलग तरीकों से वोटर्स को वोट देने के लिए प्रोत्साहित करती है।

  • लोकतंत्र का भाग्य-विधाता। होगा जागरूक मतदाता।।
  • बनो देश के भाग्य विधाता। अब जागो प्यारे मतदाता।।
  • छोड़ के अपने सारे काम। पहले चलो करे मतदान।।