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23 जनवरी के दिन लगाई गई गोवंश हत्या पर पाबंदी

23 जनवरी, 2004

इसी दिन मध्यप्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने हिदुत्व के एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए गोवंश की हत्या पर रोक लगा दी थी। कानून में गायों की हत्या, तस्करी और मांस बेचने पर तीन से सात साल तक की सज़ा का प्रावधान है।

प्रदेश में यह कानून प्रभावशील है, लेकिन सरकार गायों के संरक्षण को भूल गई। भारत के संविधान के अनुच्छेद 48 में राज्यों को गायों और बछड़ों और अन्य दुश्मनों और मसौदे के मवेशियों की हत्या को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया है।

26 अक्टूबर, 2005 को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अधिनियमित विरोधी गाय कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।

देश के 29 राज्यों में से 19 राज्यों में गोवंश हत्या या बिक्री पर रोक है। केरल, पश्चिम बंगाल, गोवा, कर्नाटक, अरूणाचल, मिज़ोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में गाय के वध पर प्रतिबंध नहीं है।

भारत की 80% आबादी हिंदू है, जो गाय को पूजते हैं। परन्तु सच तो यह है कि दुनिया में बीफ का सबसे ज्यादा निर्यात करने वाले देशों में भारत भी शामिल है।