15 जनवरी का इतिहास
15 जनवरी, 1934
इस दिन भारत और नेपाल ने अब तक का सबसे खतरनाक भूकम्प झेला था। जिसकी तीव्रता 8.7 थी। इस भूकम्प से बिहार में 20 हज़ार लोगों की मौत हुई थी।
भूकंप का केंद्र पूर्वी नेपाल से करीब10 किलोमीटर दूर माउंट एवरेस्ट के दक्षिण में था। पूर्व में पूर्णिया से, पश्चिम में चंपारण तक करीब 320 किलोमीटर के क्षेत्र और उत्तर में काठमांडू से, दक्षिण में मुंगेर तक इसका प्रभाव देखने को मिला। यह भारतीय प्रायद्वीप में अब तक का सबसे खतरनाक भूकम्प माना जाता है।
नेपाल में काठमांडू, भक्तापुर और पाटन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और सड़कों में गहरी दरारें पड़ गई थीं। हालांकि प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर को नुकसान नहीं हुआ।
भूकम्प में मुजफ्फरपुर और मुंगेर शहर पूरी तरह बर्बाद हो गए। मोतीहारी और दरभंगा शहरों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था। भूकम्प का असर मुंबई, असम और पंजाब में भी रहा।
महात्मा गांधी भी इस घटना के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने बिहार गए थे।