सफलता को सिर मत चढ़ने दो, असफलता को दिल से मत लगने दो।
संघर्ष के दिनों में भी अच्छे कल की कल्पना करना न भूलें, समय बदलता है।
अपने दिमाग को खुला रखकर अप्रत्याशित स्रोतों से प्रेरणा ग्रहण करने की तैयारी रखनी चाहिए। फिक्स्ड मीनिंग के जाल से निकलने के बाद आप पहले से अधिक रचनात्मक हो जाएंगे।
कोई भी काम तब तक नामुमकिन लगता है, जब तक उसे शुरू न किया जाए।
जीवन की सार्थकता पूरी तरह से जीने और हर तरफ सकारात्मक देखने में है।
यदि मार्ग कांटों भरा हो तो रास्ता नहीं बदलें, कदमों को फौलादी कवच देकर पार निकल जाएं।
जब जवानी दामन छुड़ाने लगती है, तो दर्पण भी डराने लगते हैं।