हिंदी कविता – कन्हैया
कन्हैया
पापा जब दफ्तर से आए,
डिब्बा एक मिठाई लाए।
अम्मा मक्खन खूब खिलाएं,
भर – भर प्याला दूध पिलाएं।
मैं मां की आंखों का तारा,
सबका प्यारा राजदुलारा।
मैया लेकर रोज बलैया,
कहती मेरा कुंवर कन्हैया।
पापा जब दफ्तर से आए,
डिब्बा एक मिठाई लाए।
अम्मा मक्खन खूब खिलाएं,
भर – भर प्याला दूध पिलाएं।
मैं मां की आंखों का तारा,
सबका प्यारा राजदुलारा।
मैया लेकर रोज बलैया,
कहती मेरा कुंवर कन्हैया।