हर कदम पर मेहनत करना जरूरी है।
एक बार एक युवक ने अपने गुरू जी से कहा – महाराज,मैं अपने जीवन का सर्वोच्च शिखर पाना चाहता हूँ, लेकिन निचले स्तर से शुरुआत नहीं करना चाहता। क्या आप मुझे कोई रास्ता बता सकते हैं जो मुझे सीधे शिखर पर पहुंचा दे ?
गुरु जी ने कहा – वह ऐसा रास्ता अवश्य बताएंगे। लेकिन इससे पहले उसे आश्रम के सबसे सुंदर फूल लाकर देना होगा। लेकिन एक शर्त है कि जिस फूल को पीछे छोड़ जाओगे, उसे पलटकर नहीं तोड़ोगे।
युवक मन ही मन बहुत प्रसन्न हुआ कि अब उसे सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने का रास्ता मिल जाएगा, क्योंकि गुरू जी की परीक्षा बहुत ही आसान थी।
युवक इस शर्त को स्वीकार करके आश्रम के बगीचे में चला गया।
वहाँ एक से एक सुंदर फूल खिले हुए थे जब भी वह किसी फूल को तोड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ाता तो उसे किसी अन्य पौधे पर लगा फूल इससे भी अधिक सुंदर नजर आता और वह उसे छोड़कर आगे बढ़ जाता।
उसके साथ लगातार ऐसा ही हो रहा था। फूल तलाशते हुए उसे पता ही नहीं चला कि कब वह बगीचे के आखिरी कोने में पहुंच गया।
यहाँ पर जो फूल लगे हुए थे, वे उसके द्वारा छोड़े गए फूलों की तुलना में बहुत ही कम सुंदर थे। शर्त के मुताबिक वह छोड़ दिए गए फूलों में से किसी को भी अब तोड़ नहीं सकता था। इसलिए वह खाली हाथ ही गुरू जी के पास लौट आया।
उसे खाली हाथ देखकर गुरू जी ने पूछा – क्या हुआ, फूल नहीं लाए ?
युवक ने कहा – महाराज, मैं बगीचे के सुंदर और ताजा फूलों को छोड़कर आगे और आगे बढ़ता गया, मगर अंत में केवल साधारण फूल ही बचे थे। आपने मुझे पलटकर फूल तोड़ने से मना किया था, इसलिए मैं ताजा और सुंदर फूल नहीं तोड़ पाया।
गुरू जी ने मुस्कुरा कर कहा – हमारा जीवन भी इसी तरह से है। इसमें शुरुआत से ही कर्म और मेहनत करते चलना चाहिए। कई बार अच्छाई और सफलता प्रारंभ के कामों और अवसरों में ही छिपी रहती है। जो अधिक और सर्वोच्च की लालसा से आगे ही बढ़ते रहते हैं, अंत में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।
सीख :- उच्च शिखर पर पहुंचने वाले लोग हर सीढ़ी पर कड़ी मेहनत करते हैं। क्योंकि न जाने किस कदम पर किया गया काम सफलता की वजह बन जाए। इसलिए जरूरी है कि हर कदम पर पूरी मेहनत की जाए।