हम खुद को जितना पसंद करते हैं, किसी भी काम में हमारा प्रदर्शन भी उतना ही बेहतर होगा।

  • उस ज्ञान का कोई लाभ नहीं होता, जिसका इस्तेमाल समाज के भले के लिए न हो।
  • शिक्षा का वास्तविक मतलब निश्चित रूप से ज्ञान पाना है, लेकिन इसका वास्तविक उद्देश्य तभी हासिल होता है, जब यह दूसरों की समस्या सुलझाने के काम आए।
  • आप जिस संकट से जूझ रहे हैं, उस पर सिर्फ आप ही विजय हासिल कर सकते हैं ।
  • सफलता का नुस्खा आसान है। जो सही है उसे सही समय पर सही तरीके से कीजिए।
  • चिंता ने आज तक किसी काम को पूरा नहीं होने दिया।
  • क्षमा, सहायता व सहयोग करने की आदत बना लेनी चाहिए। यह गुण कभी व्यर्थ नहीं जाते और आड़े वक्त पर काम आते हैं।
  • उठो, अपने जीवन की योजना बनाओ ताकि तुम्हारी सोई हुई प्रतिभा और शक्ति जो अब तक व्यर्थ पड़ी है, जाग उठे।
  • बिना विश्वास और आश्वासन के साहस नहीं होता। आधी लड़ाई तो इसी धारणा में है कि हमने जो ठाना है, उसे पूरा कर सकते हैं।
  • क्रोधित होना बुरी बात नहीं है, क्रोध में बुराई तब है , जब आदमी विवेक खो दे।
  • ऊंची चोटी पर पहुंचना मकसद है, तो अपना काम निचली सतह से शुरू करना चाहिए
  • सफलता सबसे पहले हमारे मन में घटित होती है, उसके बाद ही वह जीवन में उतरती है।
  • अपने आत्मविश्वास और चरित्र के बल पर एक साधन रहित व्यक्ति भी महान सफलता प्राप्त कर सकता है।
  • जो केवल भाग्य के सहारे बैठते हैं, उनका भाग्य भी उनके पास बैठ जाता है।
  • हमारी सबसे बड़ी गलती यह है कि जब हम सोचते हैं कि हम दूसरों के लिए मेहनत कर रहे हैं। परन्तु हकीकत यह है कि काम शुरू करने के पहले दिन से ही हम अपने लिए मेहनत करते हैं।
  • अधिकांश लोग चाहते हैं कि जीवन स्थिर, अपरिवर्तनीय और आरामदेह बना रहे। लेकिन जीवन इस तरह से काम नहीं करता।
  • समझदार लोग परिवर्तन का स्वागत नए अवसर के रूप में करते हैं। वहीं ज्यादातर लोग परिवर्तन के मामले में अनिच्छुक रहते हैं।
  • समस्याएं जीवन का सामान्य और अनिवार्य हिस्सा हैं। हम चाहे जितने भी प्रयास करें, समस्याएं तो आएंगी। समस्या के केवल एक हिस्से पर हमारा नियंत्रण है और वो है हमारी प्रतिक्रिया
  • कामयाब लोग निराशा को लक्ष्य की राह का साथी मानते हैं।
  • फर्क इससे नहीं पड़ता कि आप कितनी जोर से गिरते हैं, बल्कि इससे पड़ता है कि आप दोबारा कितनी जोर से उठ खड़े होते हैं। – चार्ली जोन्स
  • अपने विचारों पर पूरा भरोसा रखिए। भले दुनिया कहती रहे, आप गलत हैं – अजीज प्रेम जी
  • कोई भी सौ में से सौ दांव नहीं जीतताजिंदगी में कई चुनौतियां आएंगी, जिनमें से कुछ हम जीतेंगे और कुछ हारेंगे
  • जीत का जश्न जरूर मनाना चाहिए, लेकिन उसे अपने सिर पर नहीं चढ़ने देना चाहिए।
  • अगर जीवन में हार भी मिलती है तो उसे सामान्य तौर पर लेना चाहिए। हार को स्वीकार करके उससे सबक सीखना चाहिए
  • जहां राह ले जाए, वहां न जाएं, वहां जाएं जहां राह न हो, वहां अपनी छाप छोड़ जाएं।
  • जब आप खुश हों तो इतने खुश रहें कि दूसरे आपको देखें तो वे भी खुश हो जाएं
  • जब आप किसी भी चीज़ में यकीन करें तो पूरी तरह निःसन्देह और निर्विवाद रूप से करें।
  • खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है – दूसरों की सेवा में खुद को खो दें।
  • महान आत्माएं कभी दूसरों के प्रति बैर नहीं रखतीं और करूणामयी होना उनका स्वभाव होता है, फिर भले ही दूसरे उनके साथ बुरा व्यवहार करें।

अनुमान लगाने का हुनर

पुराणों में चंद्रमा और जल एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। पुराणों में कहा गया है कि चंद्रमा जल का स्रोत है। इसलिए पूर्णिमा के दिन जल ऊपर उठकर अपने स्रोत चंद्रमा का अभिवादन करता है। इसीलिए पूर्णिमा के दिन तटीय इलाकों में जाने से मना किया जाता है। परन्तु जब हम शिक्षा ग्रहण करते हैं, तब हमने जो पढ़ा है और जो अनुभव किया है, उसके बीच तर्क तलाशने लगते हैं।

ज्यादातर लोग ईश्वर के द्वारा दिए गए अनुमान के हुनर को भूल गए हैं और उसे शिक्षा के जरिए बेहतर बना रहे हैं। यह स्वाभाविक हुनर है और कोई भी सही शिक्षा और सोच से इसे विकसित कर सकता है।


  • जो मनुष्य जीवन में दृढ़ संकल्पों में स्थिर है, वह संकटों के आक्रमण सहन कर सकता है।
  • हम खुद को जितना पसंद करते हैं, किसी भी काम में हमारा प्रदर्शन भी उतना ही बेहतर होगा
  • प्रशंसा और आलोचना करनी चाहिए, लेकिन लोगों की नहीं उनके काम की।
  • बच्चे का दिमाग कोरी स्लेट की तरह होता है, जिस पर लोग अपनी छाप छोड़ते हैं।
  • आप जैसा देखते, सुनते व पाते हैं, वैसा ही बनते हैं और बोलते हैं – अरस्तु
  • हम दूसरों को माफ करके खुद को भी आज़ाद करते हैं। माफ न करने से नकारात्मकता, गुस्सा, तनाव और बेचैनी बढ़ती है और अप्रसन्नता भी होती है।