हमारी मेट्रो
महानगरों की बढ़ती भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था में क्रांति लाने का श्रेय मेट्रो रेल सेवा को है। आज मेट्रो में यात्रा करते समय एक सुखद अनुभूति होती है। ऐसा महसूस होता है कि यह हमारा घर, हमारी मेट्रो है।
महानगरों में जनसंख्या की बहुलता को देखते हुए मेट्रो ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। आज इस मेट्रो रेल का विस्तार केवल दिल्ली तक ही सीमित न रहकर दिल्ली के बाहर अन्य राज्यों के प्रमुख महानगरों तक हो चुका है। यह अपने आप में भारत की प्रगति और मेट्रो की लोकप्रियता का नमूना है। सबसे पहली मेट्रो रेल योजना की शुरुआत 24 दिसम्बर, 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर की गई।
मेट्रो के लाभ और विस्तार से सन् 2005 के अंत तक दिल्ली यातायात का चेहरा पूरी तरह बदल गया। दिल्ली के उपराज्यपाल के अनुसार दिल्ली मेट्रो ने सन् 2021 तक 245 किमी. लम्बी मेट्रो रेल लाइनें बिछाने का मास्टरप्लान तैयार किया है। इस योजना के पूरा होने के बाद कोलकाता के बाद दिल्ली ऐसा शहर हो जाएगा जहाँ न सिर्फ खंभों पर बल्कि जमीन के नीचे सुरंगों में मेट्रो रेल चलती दिखेंगी। इसके साथ ही जयपुर, आगरा, लखनऊ, मुंबई आदि महानगरों को भी मेट्रो रेल से सँवारा जा रहा है। हमारी अपनी मेट्रो द्वारा 21वीं सदी में भारत को विश्व स्तर का पब्लिक सिस्टम उपलब्ध हो रहा है। यह हम सबके लिए गर्व का विषय है।