सूचना पत्र : पिताजी को पत्र
छात्रावास से अपने पिता को एक पत्र लिखिए।
छात्रावास
डी०ए० वी० स्कूल
नई दिल्ली
दिनांक : 15 फरवरी, 20XX
परम पूज्य पिता जी
सादर प्रणाम
आपको विदित हो कि मैं यहाँ सानंद हूँ। जिस दिन आप मुझे यहाँ छोड़कर गए, मेरा मन बहुत उदास हो गया। था। घर की बहुत याद आ रही थी। बार बार आँखों में आँसू आ रहे थे। मन को समझाते नया दिन शुरू किया और अब समय बदल गया है।
मैंने अपने स्वभाव से मिलते कई सहपाठियों को अपना मित्र बना लिया है, जो परिश्रमी एवं अध्ययनशील हैं। मुझे सबका सहज स्नेह प्राप्त है। हम सभी मिलकर अपना समय सानंद बिताते हैं। एक दूसरे की पूर्ण सहायता भी करते हैं। हमारे छात्रावास के विद्यार्थी तथा प्राध्यापक सभी बहुत अच्छे हैं। यहाँ शैक्षणिक गतिविधियों के कारण व्यस्तता रहती है। अनेकानेक अध्ययन, पठन-पाठन संबंधी प्रतियोगिताएँ होती रहती हैं, जिनमें मैं उत्साह से भाग लेता हूँ। हिंदी निबंध प्रतियोगिता तथा वाद-विवाद प्रतियोगिता में मैंने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यहाँ प्रत्येक छात्र सदा एक-दूसरे से आगे बढ़ने के लिए प्रयत्नशील रहता है। इसलिए मुझे भी कड़ा परिश्रम करना पड़ रहा है। आप विश्वास कीजिए कि मैं अच्छी श्रेणी में उत्तीर्ण होकर आपकी आशा के अनुरूप बनने के प्रयास में जी-जान से लगा हूँ। मेरा परीक्षाफल संतोषप्रद होगा। आप सबकी बहुत याद आती है। पूज्यनीय माताजी को मेरा सादर प्रणाम कहना। छोटू को ढेर सारा प्यार। उससे कहना स्कूल की छुट्टियाँ होते ही मैं उससे मिलने अवश्य आऊँगा।
आपका स्नेहाकांक्षी
राहुल