एकांत, मन की प्रवृत्ति है।

  • अगर आपकी समस्या पहाड़ जितनी बड़ी है तो भूलें नहीं, प्रभु कृपा सागर जितनी बड़ी है।
  • गलत तरीके अपनाकर सफल होने से बेहतर है, सही तरीके अपनाकर असफल होना।
  • उदारता या दयालुता वह भाषा है जिसे बधिर सुन सकते हैं और अंधे देख सकते हैं।
  • आपकी महत्वाकांक्षाओं को दबाने वालों से दूर रहें। महान वही है जो आपको भी महसूस कराए कि आप महान बन सकते हैं।
  • दूसरों से नहीं, खुद से ही बेहतर बनना हमारे जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।
  • हम वही बनते हैं जिस काम को दोहराते रहते हैं। इस तरह उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं, आदत है।
  • शुरुआत करने के लिए महान होना जरूरी नहीं, पर महान होने के लिए शुरूआत अनिवार्य है।
  • ध्यान जीवन से कुछ अलग नहीं है, यह जीवन का सार है।
  • हंसी टॉनिक है, राहत है, दर्द के लिए दर्दनिवारक है
  • इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है, हमारी परेशानियां भी नहीं।
  • हम सोचते बहुत अधिक हैं और महसूस बहुत कम करते हैं।
  • सकारात्मकता के छोटे – छोटे प्रयासों से रिश्ते बेहतर होते हैं।
  • आपका डर आपको सुरक्षित रखने का दिखावा करता है और आपका विश्वास ऐसे साहस की मांग करता है जो आप आपके पास होना सुनिश्चित नहीं कर सकते।
  • “प्यार फैलता है जब हमारी क्षमता एक दूसरे को स्वीकार करने के लिए फैलती है।” – डेवोन फ्रैंकलिन
  • भविष्य उनकी मुठ्ठी में होता है जो अपने सपनों की खूबसूरती में यकीन करते हैं।
  • लक्ष्य के लिए सब कुछ दाँव पर लगाने तक की तैयारी हो तो जीत तय है।
  • एकांत मनुष्य के मन में होता है।
  • अहं ही सारी अप्रसन्नता का मूल है।
  • उम्मीद की नाव समुद्र भी पार करा सकती है।
  • एकांत, मन की प्रवृत्ति है।
  • काम ऐसा करें मानो सब कुछ आप पर निर्भर हो, प्रार्थना ऐसी करें कि सब कुछ प्रभु पर निर्भर हो।
  • असाधारण लोग उन विचारों पर फिर से काम करते हैं, जो सामान्य विचारक खारिज कर देते हैं।