साना – साना हाथ जोड़ि
प्रश्न. नदी, फूलों, वादियों और झरनों के स्वर्गिक सौंदर्य के बीच किन दृश्यों ने लेखिका के हृदय को झकझोर दिया? ‘साना – साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर : प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को निम्नलिखित दृश्य झकझोर गए- ‘कुछ पहाड़ी स्त्रियाँ आजीविका कमाने के लिए पीठ पर बच्चे को लादकर कठोर पत्थरों पर बैठकर पत्थरों को ही तोड़ रही थीं। उनकी कोमल काया और हाथों में कुदाल और हथौड़े का दृश्य लेखिका के अंतर को झकझोर गया। वे मानो पहाड़ी हिम-शिखरों से टक्कर लेने जा रही थीं।’ उन्होंने देखा कि सात-आठ वर्ष की उम्र के ढेर सारे पहाड़ी बच्चे तीन-साढ़े तीन किलोमीटर की पहाड़ी चढ़कर स्कूल जाते और वहाँ से लौटकर माँ के साथ मवेशी चराते, पानी भरते और लकड़ियों के गट्ठर ढोते हैं।
‘चाय के हरे भरे बागानों में युवतियों का बोकु पहने चाय की पत्तियाँ तोड़ना और सूरज ढलने के समय पहाड़ी औरतों का सिर पर भारी-भरकम लकड़ियों का गट्ठर लेकर गाय चराते हुए लौटना आदि लेखिका के हृदय को झकझोर देने वाले ये दृश्य उस स्वर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के बीच भूख, मौत, दैन्य और जिंदा रहने की जंग को दर्शा रहे थे।