सरल वाक्य, संयुक्त वाक्य एवं मिश्रवाक्य की परिभाषा
वाक्य शब्दों के मेल से बनते हैं जो अपने में कुछ न कुछ अर्थ छिपाए रहते हैं। अर्थ की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए इन शब्दों को एक व्यवस्थित क्रम में रखा जाता है। इस तरह सार्थक शब्दों का ऐसा व्यवस्थित समूह जो पूरा आशय प्रकट करता है, उसे वाक्य कहते हैं। अतः वाक्य
- सार्थक शब्दों (पदों) के मेल से बनते हैं।
- पूर्ण और स्वतंत्र होते हैं।
- वक्ता की कही बातों का आशय स्पष्ट करते हैं।
- शब्दों का एक निश्चित क्रम रखते हैं।
सरल वाक्य (simple sentence) – सरल वाक्य एक कर्ता तथा एक क्रिया के मेल से बनता है। इसमें कोई उपवाक्य जुड़ा नहीं होता है।
जैसे-
- कछुए ने खरगोश को हरा दिया।
- नौकर ने समय पर काम पूरा कर लिया।
- ड्राइवर समय से बस लेकर नहीं आया।
- पक्षी शाम होते ही घोंसले की ओर लौट आते हैं।
संयुक्त वाक्य (compound sentence) – जब दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक (समुच्चयबोधक अव्यय) द्वारा जुड़े होते हैं तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं।
(clauses connected by the conjunctions – and, but, either…. or, neither… nor, both…. and – form a compound sentence.)
संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ –
संयुक्त वाक्य के उपवाक्य आपस में योजकों- या, वा, अथवा, इसलिए, और, किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, एवं आदि से जुड़े होते हैं।
संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण
- आप नाटक देखने जाएँगे या सिनेमा।
- मरीज फल खा लेगा अथवा खिचड़ी से काम चलेगा।
- मदन को बस नहीं मिली इसलिए वह समय पर घर न आ सका।
- हम दोनों मंदिर गए और साथ-साथ पूजा की।
- बादल घिरे किंतु बरसात न हुई।
- वह दिन भर काम करता रहा परंतु पूरा न हो सका।
- बाज़ार से कलम लाना तथा पेंसिल अवश्य लाना।
- उसने मेट्रो की सवारी की एवं ए०सी० का आनंद लिया।
मिश्रवाक्य (complex or compound sentence) – जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य जुड़े हो, परंतु उनमें एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो, उसे मिश्रवाक्य कहते हैं।
मिश्रवाक्य में आश्रित या गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य पर निर्भर होते हैं।
मिश्रवाक्य व्यधिकरण योजकों के युग्म-जैसा-वैसा, जो-सो, जिसकी-उसकी, जहाँ-वहाँ, जब-तब, जैसी-वैसी, यदि-तो, – जब तक-तब तक, जिन्हें-उन्हें आदि से जुड़े होते हैं।
स्वतंत्र उपवाक्य को प्रधान उपवाक्य भी कहा जाता है।
मिश्रवाक्य के कुछ उदाहरण
- माँ ने कहा कि शाम को जल्दी लौट आना।
- जब मैं घर पहुँचा तब वर्षा शुरू हो चुकी थी।
- जैसे ही बादल घिरे वैसे ही बिजली चमकने लगी।
- जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ा है, तब-तब ईश्वर धरती पर अवतरित हुए हैं।
- जहाँ-जहाँ सिंचाई की व्यवस्था है, वहाँ-वहाँ फसलें खूब पैदा होती हैं।
A complex sentence has one independent clause and at least one dependent clause. This means that the clauses are not equal, they use a co-ordinating conjunction that changes the rank of one or more of the clauses to make it less equal.
For example;
- My Dad laughed when I told a joke.
It consists of Independent clause / subordinating conjunction / dependent clause.
If we took away the ‘when’, we would have two equal clauses; ‘My Dad laughed’ and ‘I told a joke.’ The use of the conjunction ‘when’ connects the clauses but displays a complex relationship between the two; indicating which is dominant and which is subordinate. Thus, a complex sentence.
There are lots of subordinating conjunctions (too many to memorise in fact!), but here are a few common examples;
Subordinate conjunction – after, while, because, since, if, then.
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If two clauses are connected with a coordinating conjunction, it’s a compound sentence.
If two clauses are connected with a subordinate conjunction, is called a complex sentence.
There are only 7 coordinating conjunctions and memorising them is a fantastic idea. They are – for, and , nor, but, or , yet , so.
Tip – if you just memorize the seven coordinating conjunctions, you will easily know, whether the conjunction is coordinating or subordinating. It’s less work than memorising the whole lot subordinate conjunction.
उदाहरण के तौर पर
सरल वाक्य – मेरी काली बकरी खेत में चर रही है।
प्रातः काल होने पर पक्षी चहचहाने लगे।
संयुक्त वाक्य – मेरी बकरी काली है और खेत में चर रही है।
प्रातः काल हुआ और पक्षी चहचहाने लगे।
मिश्र वाक्य – मेरी जो बकरी काली है वह खेत में चर रही है।
जब प्रातः काल हुआ तब पक्षी चहचहाने लगे।
Note – I have tried to explain with the help of both the languages to make it easy for the learners.