सबसे बड़े दुःख हम ही स्वयं को देते हैं।
• गलती हर आदमी करता है, लेकिन एक अच्छा आदमी अपनी गलतियों को मान लेता है और उसे सुधारने की लगातार कोशिश करता है।
• घमंड किसी अपराध से कम नहीं होता।
• यदि हम हमेशा एक दूसरे की ईमानदारी से मदद करते रहेंगे तो किसी को भाग्य देखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
• धोखे से सफल होने से कहीं बेहतर होता है सम्मान के साथ असफल हो जाना।
• जहां बुद्धिमानी होगी वहां शब्द भी कम होंगे। बुद्धिमान लोगों की निशानी है कि वो बहुत कम शब्दों में अपनी बात रखते हैं।
• सबसे बड़े दुख वो होते हैं, जो हम अनजाने में स्वयं को ही देते रहते हैं।
• केवल एक ही शब्द है जो हमें जीवन के हर सुख-दुख से मुक्त कर देता है और वो शब्द है प्रेम।
• दयालुता से ही दयालुता पैदा हो सकती है।
• यदि शरीर को गुलाम समझते हैं, तो भी दिमाग तो स्वतंत्र ही है।
सोफोक्लीज