सफल होने के लिए अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है।

जिसके पास उम्मीद है, वह लाख बार हारकर भी नहीं हारता।


हमें अपनी गलतियों और दूसरे के अनुभवों से सीखना चाहिए, यही हमें जीवन में आगे बढ़ाता है।

सफलता पाने की सबसे पहली सीढ़ी है – अपने डर पर जीत हासिल करना।

चिंता करने से सिर्फ समय की बर्बादी होती है। यह आपकी खुशी के क्षणों को भी चुरा लेती हैं, क्योंकि इसमें आप बिना काम के व्यस्त रहते हैं।

सफल होने के लिए अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है।

एक व्यस्त, जीवंत रहने वाली एवं लक्ष्य-उन्मुख महिला एक ऐसी  महिला की तुलना में अधिक मनमोहक है जो अपने अस्तित्व की स्वीकार्यता के लिए एक पुरुष की प्रतीक्षा करती है।

सबसे गहरा रिश्ता या सबसे सच्ची मित्रता हम रखते हैं, वह स्वयं के साथ रखते हैं।

ऐसा साथी नहीं मिल सकता, जो एकांत में भी इतना ही मिलनसार हो, जितना भीड़ में हो।

लक्ष्य तय करना एक सशक्त और जीवन बदलने वाला अनुभव हो सकता है। इसलिए आपके लक्ष्य एक दूसरे के विरोध में नहीं, बल्कि सामंजस्य में होने चाहिए। अपने लक्ष्यों और संकल्पों की ओर प्रगति करने से आपका आत्म सम्मान भी बढ़ता है।

आपके लक्ष्य चुनौतीपूर्ण होने चाहिए, लेकिन असंभव नहीं होने चाहिए। हालांकि लक्ष्य इतने मुश्किल तो जरूर होने चाहिए कि आपको ज्यादा कोशिश करनी पड़े।

आप जिस हद तक खुद से और अपने काम से प्रेम करते हैं, उसी हद तक आप आगे बढ़ने के लिए ऊंचे, चुनौतीपूर्ण और सार्थक लक्ष्य निर्धारित करेंगे।

हमें जीवन के हर एक पहलू के साथ परिपूर्ण होने की बजाय अपनी बड़ी प्राथमिकताओं को पहचानने और उनमें शामिल होने की आवश्यकता है। फिर उन सभी चीजों के लिए कृतज्ञता की गहरी भावना पैदा करना चाहिए, जो हमारे लिए अच्छी तरह से चल रही हैं और हमें अच्छा महसूस करवाने में हमारे लिए सहायक सिद्ध होती हैं।