CBSEEducationLaghukatha (लघुकथा)NCERT class 10thParagraphPunjab School Education Board(PSEB)

‘सफलता की सीढ़ी – परिश्रम’


लघुकथा : सफलता की सीढ़ी-परिश्रम’


एक बार मैं अपने माता-पिता और बहन के साथ लद्दाख की पहाड़ियों पर चढ़ाई करने जा रहा था। इसलिए हम सुबह साढ़े चार बजे उठ गए। इतनी ठंड होने के बावजूद हम किसी तरह नहाकर जब बाहर निकले तो ठंड से हमारे पैर सुन्न हो गए। हम गाड़ी में बैठकर पहाड़ के पास जा रहे थे। रास्ते में कुछ पहाड़ियों पर बर्फ गिरते देख मेरी बहन डरने लगी। मैंने और मेरे माता-पिता ने उसका हौंसला बढ़ाया तो उसमें जोश आ गया।

लद्दाख की पहाड़ियों तक पहुँचने का रास्ता बहुत सँकरा था इसलिए यातायात बहुत धीमी गति से बढ़ रहा था। बर्फबारी के कारण कुछ गाड़ियों के इंजन खराब हो गये तथा कुछ गाड़ी के टायर बर्फ में फँस गये थे। थोड़ा आगे बढ़ने पर हमारी गाड़ी में भी खराबी आ गयी। लेकिन हमने हौसला नहीं हारा। जिस पहाड़ पर हमें चढ़ना था उस पर बर्फ जमी थी। इतनी दूर आकर चढ़ाई पूरी किए बिना ना लौटने का संकल्प लेकर हमने चढ़ाई शुरू की। ऊपर चढ़ते हुए हमारे मार्गदर्शक के पैर में मोच आ गयी, जिसके कारण वह आगे हमारे साथ नहीं जा सकता था। अब चढ़ाई धीरे-धीरे और मुश्किल होने लगी। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत से चढ़ाई पूरी की। नीचे उतरने पर ऐसे लगा मानो हमने कोई जंग जीत ली हो।

सीख – इसे देखकर मन में विचार आया कि परिश्रम ही सफलता की सीढ़ी है। परिश्रम से ही सफलता पाई जा सकती है।