प्रश्न. क्या सनक सकारात्मक भी हो सकती है? सकारात्मक सनक की जीवन में क्या भूमिका हो सकती है? सटीक उदाहरण द्वारा अपने प्रकट कीजिए।
उत्तर : हां, सनक का सकारात्मक रूप भी होता है। सनक अर्थात् धुन का पक्का होना। ऐसी सापेक्ष सनक अर्थात् लगन, मेहनत तथा ईमानदारी से काम करने की सनक सकारात्मक होती है और उसके परिणाम भी अच्छे निकलते हैं। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है। आचार्य चाणक्य ऐसी सकारात्मक सनक से युक्त महापुरुष थे। उन्होंने बड़ी-बड़ी विपदाओं की चिंता किए बिना एक सामान्य बालक को सम्राट बनाने की ठान ली और वही हुआ। यह बचेंद्री पाल की सकारात्मक सनक ही थी कि उन्हें एवरेस्ट की चोटी तक पहुँचा दिया। महात्मा गांधी की सनक ने बिना हथियारों के अंग्रेजों की दासता से भारत को मुक्ति दिलाई। आजादी के मतवाले क्रांतिकारियों को आजादी प्राप्त करने की सकारात्मक सनक थी। सामाजिक बुराइयों को समूल नष्ट करने की ठानने वाले, समाज का नव-निर्माण करने वाले समाज-सुधारक ऐसे ही सकारात्मक सनक के उदाहरण हैं।