संवेदना पत्र


संवेदना पत्र


अपने मित्रों, संबंधियों या प्रियजनों को अचानक होने वाली किसी हानि पर हम जो पत्र लिखते हैं, वे पत्र संवेदना-पत्र कहलाते हैं। इन पत्रों को लिखते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी होती हैं :

संवेदना-पत्र

📌 इन पत्रों की भाषा सहानुभूति से भरी हो ।

📌 पत्र की शुरूआत दुख की अनुभूति प्रकट करते हुए होनी चाहिए।

📌 दुख के कारण पर टिप्पणी करते हुए हमदर्दी जतानी चाहिए।

📌 हमदर्दी जताने के बाद सांत्वना दी जानी चाहिए।

📌 सांत्वना देने के बाद धैर्य के साथ आगे बढ़ने की हिम्मत देनी चाहिए।

📌 अंत में अपनी सेवा या सहयोग को समर्पित करने की बात करनी चाहिए।