मम्मी, पापा और पिंटू के बीच संवाद
पापा : (पिंटू की ओर आते हुए) क्यों पिंटू, किससे घुट रही थी, बाहर सड़क पर ?
पिंटू : मेरा एक नया मित्र बना है पापा, घसीटाराम।
पापा : (खीजते हुए) वह गंदा लड़का, रद्दीवाला!
पिंटू : वह गंदा लड़का नहीं है पापा, बहुत सीधा-सच्चा है।
पापा : मूर्खों वाली बात मत करो। ऐसे गंदे बच्चों से नहीं मिला करते।
मम्मी : (पिंटू के पापा की हाँ में हाँ मिलाते हुए) हाँ-हाँ पिंटू, तुम्हारे पापा ठीक कह रहे हैं। तुम पढ़ने-लिखने वाले बच्चे हो। तुम्हारा-उसका क्या साथ?
पिंटू : पर मम्मी! मैंने तो उससे वायदा किया है। मैं उसे अपने जन्मदिन की बहुत सारी मिठाई दूँगा!
पापा : ठीक है, ठीक है। मिठाई तुम उसे दे देना। पर वह तो चला गया।
पिंटू : चला नहीं गया पापा! वह तो उपहार लेने गया है, मुझे देने के लिए।
मम्मी : उपहार लेने गया है?
पिंटू : हाँ मम्मी! वह कहता था, मैं तब तक मिठाई नहीं खाऊँगा, जब तक उपहार नहीं दूँगा। मुझे सभी ने उपहार दिए हैं ना।