संवाद लेखन : कुछ पुरुषों और स्त्रियों के बीच संवाद


कुछ पुरुषों और स्त्रियों के बीच संवाद


पहला पुरुष : (सिर हिलाकर) पानी अभी तक नहीं आया। क्या होगा प्रभु!

पहली स्त्री : राजा के आदमी कहते हैं कि पीने का पानी खत्म होने को है।

दूसरा पुरुष : और खेती को सींचने वाली नहरें भी तो सूख गई हैं।

दूसरी स्त्री : ताल ही सूख गया तो नहरें कैसे चलेंगी?

पहला पुरुष : नहरें नहीं चलेगी तो खेत सूख जाएँगे।

दूसरा पुरुष : ताल है तो नहरें हैं।

पहली स्त्री : नहरें हैं तो खेत हैं। खेत हैं तो अन्न है।

पहला पुरुष : ताल है तो बिजली है। बिजली है तो कारखाने हैं।

दूसरा पुरुष : न खेत, न कारखाने।

दूसरी स्त्री : न पानी, न बिजली।

पहली स्त्री : इसका मतलब भूख-प्यास ।

पहला पुरुष : इसका मतलब मौत।

(सब एक-दूसरे को देखते हैं, फिर एक साथ बोलते हैं।)

सब : ताल के सूखने का मतलब है कि मौत हम सबको खा जाएगी। हम सब मर जाएँगे।