शब्दों की ताकत को उनके आकार से नहीं आंकना चाहिए।

आपके पास उस हद तक मानसिक शांति होती है, जिस हद तक आप खुद से और दूसरों से प्रेम करते हैं।

आत्म-प्रेम और आत्म-स्वीकृति से आपके लिए अधिक आत्म-ज्ञान और आत्म-समझ हासिल करना ज्यादा आसान हो जाता है।

यह संभव है कि आप अपने ड्रीम जॉब से नफरत करने लगें, परन्तु लगातार मेहनत सफलता जरूर देती है।

प्रासंगिक रहने की आवश्यकता हमें जीवन भर चलाती है – जिस दिन आप यह प्रासंगिकता खो देते हैं, आप अपना  अस्तित्व भी खो देते हैं।

आपको जीवन में वह नहीं मिलता, जो आप चाहते हैं, बल्कि वह मिलता है, जिसके आप योग्य होते हैं या जिसके पात्र होते हैं।

प्रतिभावान होने में 1% प्रेरणा और 99% प्रयास होता है।

सफलता के रहस्यों में से एक है कि हम ‘सेल्फ-स्टार्टर’ बनें न कि ‘किक स्टार्टर’। केवल स्वप्रेरणा ही उस 1% को बनाए रखती है।

दिशा समझे बिना स्व-प्रेरणा के कार्य करना अपने प्रयासों को बर्बाद करना ही है।

अपना निरंतर निर्देशित स्व-प्रेरित प्रयास करते हुए जीवन में सर्वोत्तम और केवल सर्वोत्तम पाने के पात्र बनना चाहिए।

बिना दिशा के किया गया कोई भी कार्य केवल बदलाव बनकर रह जाता है, लेकिन किसी दिशा में किया गया कार्य प्रगति बन जाता है।

अपनी बुराईयों से लड़ना और अपने साथियों के साथ अमन से रहना हमें एक बेहतर इंसान बनाता है।

शब्दों की ताकत को उनके आकार से नहीं आंकना चाहिए, छोटी सी हाँ या न से पूरी जिंदगी बदल जाती है।