BloggingEducationHealthPoemsPoetry

विश्व पर्यावरण दिवस


सब ग्रह गाते, पृथ्वी रोती – हरिवंशराय बच्चन


पृथ्वी पर भी नीला सागर,

पृथ्वी पर भी धरती उर्वर,

पृथ्वी पर भी शस्य उपजता,

पृथ्वी पर भी श्यामल अंबर,

किंतु यहां ये कारण रण के देख धरणि यह धीरज खोती।

सब ग्रह गाते, पृथ्वी रोती ।

हरिवंश राय बच्चन