current affairsEducation

विक्रम -1 ऑर्बिटल रॉकेट


• स्काईरूट के विक्रम -1 ऑर्बिटल रॉकेट को प्रदर्शित किया गया है। अगले वर्ष की शुरुआत में उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने के लिए इन रॉकेट्स का उपयोग किया जाएगा।

• विक्रम-1 को तकनीकी रूप से उन्नत, बहु-चरण प्रक्षेपण यान की तरह विकसित किया गया है। जिसकी पृथ्वी की निचली कक्षा में लगभग 300 किलोग्राम की पेलोड ले जाने की क्षमता है।

• इस रॉकेट में 3ड़ी प्रिंटेड लिक्विड इंजन काम करता है और इसकी बॉडी कार्बन फाइबर से निर्मित की गई है। स्काईरूट के विक्रम-एस रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के बाद यह दूसरा प्रोजेक्ट है।


• विक्रम -1 का पहला पूर्ण विकासात्मक परीक्षण लॉन्च 2024 के शुरुआती महीनों में किया जाएगा। ऑर्बिटल रॉकेट, उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

• इस रॉकेट का नाम इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई की याद में दिया गया है। विक्रम श्रृंखला में 3 प्रकार के रॉकेट लॉन्च किए जाने हैं।