लेख : भारत का संविधान

गणतंत्र दिवस / दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र – भारत


जय हिंद

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत में प्रजातांत्रिक शासन प्रणालियों की अच्छाइयों को ग्रहण कर एक नया रूप दिया गया है। कुछ विशेषताएँ इंग्लैंड, अमेरिका, स्विट्जरलैंड के संविधान से ली गयी हैं तो कुछ नयी व्यवस्थाएँ हैं। हमारे देश का प्रधान राष्ट्रपति होता है। उसकी अधीनता में केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें काम करती हैं। राष्ट्रपति जल, थल, वायु सेना का प्रधान होता है। देश की केन्द्रीय सरकार का प्रमुख प्रधानमंत्री कहा जाता है, वह बहुमत प्राप्त संसदीय दल का नेता होता है। संसद में दो सदन होते हैं – लोकसभा तथा राज्यसभा। लोकसभा की 542 सीटें हैं जिनका चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली द्वारा किया जाता है। जनता अपने प्रतिनिधि स्वयं चुनती है। लोकसभा में जो दल बहुमत प्राप्त कर लेता है उसी की सरकार बनती है।

इसी प्रकार राज्य विधान मंडल में भी प्राय: दो सदन होते हैं – विधान सभा तथा विधान परिषद। विधान सभा के सदस्य भी प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। राज्य सरकारें अपने मुख्यमंत्री के निर्देशन में कार्य करती है। राज्य सरकारों तथा केन्द्र सरकार के बीच कार्यों का विभाजन केन्द्र सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची में लिखित निर्देशों द्वारा किया जाता है। केन्द्र सूची में केन्द्र के कार्य एवं अधिकार हैं तथा राज्य सूची में राज्य के अधिकार-विषय हैं तथा समवर्ती सूची में दोनों के अधिकार विषय हैं। इस प्रकार राज्य सरकारें स्वतंत्र तथा केन्द्र के अधीन रहकर कार्य करती हैं। आपातकाल के समय राज्य की सारी शक्ति राष्ट्रपति के पास पहुँच जाती है तथा राज्य सरकार के विफल हो जाने पर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाता है। राज्यों में राज्यपाल केन्द्र का प्रतिनिधि होता है।

हमारे देश का संविधान लिखित  है। उसे 26 जनवरी, 1950 को लागू गया था। संविधान सर्वोच्च है, उसी के अनुरूप कार्य  होता है, व्यक्ति विशेष की सर्वोच्चता स्वीकार नहीं की गयी है। हमारे शासन के तीन अंग हैं – व्यवस्थापिका, जो कानून बनाती हैं, कार्यपालिका,  जो कानून का पालन कराती है तथा न्यायपालिका, जो कानून की अवहेलना करने  वाले को दंड देती है। न्यायपालिका स्वतंत्र है।  इस प्रकार से हमारे देश का प्रधानमंत्री शक्तिशाली होता है, संकटकाल में राष्ट्रपति शक्तिशाली  हो जाता है तथा  दोनों शक्तियों के ऊपर न्यायपालिका का शिकंजा रहता है। इस प्रकार कोई भी मनमानी नहीं कर सकता है।

भारतवर्ष का प्रजातंत्र दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातंत्र है। कहा जाता  है कि प्रजातंत्र विशाल देश  के लिए उपयुक्त नहीं होता है। भारत एक विशाल भू – भाग वाला ही नहीं, अपितु विश्व में द्वितीय सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है, किन्तु यहाँ पर प्रजातांत्रिक शासन व्यवस्था ही है।