रचनात्मक लेखन : सर्दी की एक कंपकंपाती रात
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सर्दी की एक कंपकंपाती रात
शरद ऋतु की चरम सीमा के महीने में उच्च स्तरीय ठंड और सर्द हवाओं का हमें सामना करना पड़ता है। इस समय रातें लम्बी और दिन छोटे होने लगते हैं। कोहरे के कारण वातारण में धुंध छाई रहती है। सर्दी की एक कँपकँपाती रात में मैंने देखा कि एक कुत्ता मेरे दरवाज़े पर सिमटा हुआ बैठा है। शायद वह भूखा भी था। मैंने अलमारी से एक कम्बल निकाला और कुत्ते को ढक कर घर के अन्दर ले आई। थोड़ी देर तक वह बिल्कुल शान्त रहा, फिर उसने एक ब्रेड बहुत मुश्किल से खाई । शायद से बुखार भी था। अगले दिन सुबह होते ही मैं उसे डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने कुछ दवाइयाँ दी जिससे वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया। अब वह कुत्ता मेरे साथ ही रहता है। मेरे घर का एक सदस्य बन गया है ।