CBSEEducationPunjab School Education Board(PSEB)अनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

रचनात्मक लेखन : वृक्ष


अनुच्छेद लेखन/ रचनात्मक लेखन/ जनसंचार लेखन/ सृजनात्मक लेखन


वृक्ष


जब भी मैं हरे-भरे छायादार वृक्षों को देखता हूँ, स्मृतियों में खो जाता हूँ। बचपन में मैंने कई वृक्ष लगाए आज वे बहुत बड़े-बड़े हो गए हैं, शीतल छाया देते हैं। गाँव में मेरे चाचा उन्हीं वृक्षों के नीचे अपने पालतू जानवर बाँधते हैं, वाहन खड़ा करते हैं तथा दोपहर में अपने मित्रों के साथ आनंदपूर्वक बैठते हैं। वहाँ हर समय कूलर, ए.सी., पंखों को चलाने की आवश्यकता नहीं जान पड़ती। अब मैं अपनी जीविका के कारण शहर में निवास कर रहा हूँ। यहाँ गर्मी के मौसम में अपने वाहन खड़े करने के लिए लोग वृक्ष की छाया खोजते हैं, क्योंकि धूप में खड़ी कार या अन्य किसी भी वाहन में बैठना मुश्किल हो जाता है। शहरों में वृक्षों की बहुत आवश्यकता है फिर भी यहाँ पर वृक्ष लगाना, उसे पानी देना, बड़ा करना सरकार का कार्य समझते हैं अपना नहीं।

अनेक लोग ऐसे भी हैं जो वृक्ष लगाना तो चाहते हैं पर उनके पास जगह की कमी होने के कारण वे नहीं लगा पाते। कुछ लोग जगह होते हुए भी अपनी सुविधा (सर्दियों में धूप सेंकने) को देखते हुए हरे-भरे वृक्ष तुरंत काट देते हैं। लोगों की आँखें अभी भी नहीं खुल रही हैं। वे नहीं समझते कि वृक्ष हैं तो हम हैं। वृक्ष हैं तो जीवन है, जल है।

इस बार जब मैं गाँव गया तो देखा कि वह रास्ता जो वृक्षों की घनी छाया से कई किलोमीटर तक आच्छादित रहती थी, ठंडी हवा और घनी छाया के कारण अनेक गरीब परिवारों की झोपड़ियों का संरक्षक था, अब वह पूरी तरह वृक्षहीन हो चुका था। दुःख के साथ ही मेरी जिज्ञासा भी चरम पर पहुँच गई। मैंने आसपास के लोगों से पता किया तो पता चला कि सड़क को चार लाइन बनाने (सड़क चौड़ी करने के विकास कार्य) के सरकारी प्रोजेक्ट के कारण इस रास्ते के लगभग 600 से अधिक वृक्षों को काट दिया गया है। मेरा दिल रो उठा! क्या इन वृक्षों को अब पुनः लगा पाना और इतना बड़ा कर पाना अब संभव हो सकेगा? क्या वृक्षों को काटना अत्यन्त आवश्यक था? क्या और अन्य कोई उपाय न था जिससे वृक्ष भी बच जाते और सड़क भी चौड़ी हो जाती ?

वह दुःखद दृश्य (वृक्षविहीन सड़क के दोनों किनारे) मुझे भुलाए नहीं भूलता। अब मैंने व्यक्तिगत रूप से इस संबंध में लोगों से मिलना, समझाना और वृक्षों की उपयोगिता के विषय में बताना प्रारंभ कर दिया है। मुझे पूरी आशा है कि परिणाम सुखद ही होगा।