मित्र को पत्र


आप अपने आस-पास अनेक निरक्षर बच्चों को घूमते हुए देखकर उन्हें साक्षर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अपने इस सराहनीय कार्य की जानकारी देते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।

203, कमला नगर

क ख ग नगर,

उत्तर प्रदेश।

दिनांक …………………

प्रिय मित्र अभिनव,

सादर नमस्ते।

मैं यहाँ सकुशल हूँ और आपकी कुशलता की कामना करता हूँ। तुम भी आजकल अपनी परीक्षा की समाप्ति के बाद ग्रीष्मावकाश का आनन्द ले रहे होगे। मित्र, तुमने अपने पिछले पत्र में इस वर्ष के मेरे ग्रीष्मावकाश के कार्यक्रम के विषय में पूछा था।

मित्र, मैंने इस ग्रीष्मावकाश में अपने निवास स्थान के निकट बसी मजदूरों की बस्ती के निरक्षर बच्चों को पढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया है। इसी उद्देश्य से मैंने पहले बस्ती के घर-घर जाकर बच्चों के माता-पिता से बात की और उन्हें सायंकालीन कक्षाओं में अपने बच्चों को पढ़ने भेजने के लिए तैयार किया। इस योजना के कार्यान्वयन में उनकी आर्थिक स्थिति आड़े आ रही थी, जिस कारण वे बच्चों के लिए किताबें कॉपियाँ नहीं खरीद पा रहे थे। मेरे इस कार्य में मेरे पिता जी ने मुझे सहयोग दिया और हमने बच्चों के लिए आवश्यक स्टेशनरी, पेन, पेंसिल आदि खरीद कर उन्हें वितरित कर दीं। अब बच्चे दिन में अपने माता-पिता के कामों में हाथ बँटाते हैं और शाम को मेरे घर पर पढ़ने आते हैं। अब तक उन बच्चों ने वर्णमाला और गिनती का ज्ञान प्राप्त कर लिया है। मैं बच्चों के लिए कुछ रोचक प्रतियोगिताओं का आयोजन करने की भी तैयारी कर रहा हूँ। इस कार्य को करके मुझे बहुत सुखद अनुभूति हो रही है।

मित्र, तुम भी इसी प्रकार का कोई कार्य करोगे तो तुम्हें बहुत खुशी मिलेगी। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम तथा छोटी बहन सीमा को स्नेह कहना ।

तुम्हारा अभिन्न मित्र,

अ ब स