माता का अंचल


प्रश्न. ‘माता का अँचल’ पाठ की उन दो बार्तो का उल्लेख कीजिए, जो आपको अच्छी लगी हों। इनसे आपको क्या प्रेरणा मिली?

उत्तर : माँ स्नेह, वात्सल्य और ममता का सागर होती है जिसके अँचल में छिपकर बच्चे को अपने दुःख से छुटकारा मिलता है, वह स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। पाठ में बालक भोलानाथ को विपदा के समय माँ के लाड़, प्यार व गोद की ज़रूरत पड़ती है तो वह उसकी शरण में आ जाता है। हमें यह बात बहुत अच्छी लगी क्योंकि लेखक ने माँ को सर्वोपरि दर्जा देते हुए बच्चे के जीवन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण बताया है। हमें इससे प्रेरणा मिलती है कि जीवन में माँ का होना बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए अति महत्त्वपूर्ण है, अतः माँ को उचित आदर-सम्मान दिया जाना चाहिए।

पाठ में बच्चे मिलजुल कर खेलते हैं। बड़ों का आदर-सम्मान करते हैं। यह बात भी हमें बहुत अच्छी लगी क्योंकि मिलजुल कर खेलने से ही भाईचारे की भावना विकसित होती है। देश की एकता व अखंडता के लिए सभी लोगों में भाईचारा आवश्यक होता है। बच्चे मिलजुल कर खेलेंगे तो मिलजुल कर काम भी करेंगे और सभी के मिलजुल कर कार्य करने से ही देश की तरक्की संभव है। अगर हमें जीवन में सफल व्यक्ति बनना है तो बड़ों को प्रेम व आदर-सम्मान देकर, नैतिकता को अपनाकर ही सफल बन सकते हैं।