माता का अंचल


प्रश्न. ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर भोलानाथ और उसके पिता के सम्बन्धों का विश्लेषण करते हुए पिता-पुत्र सम्बन्धों के महत्व पर प्रकाश डालिए।

उत्तर : भोलानाथ के पिता बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे। वे उसे सुबह-सुबह उठाकर, नहलाकर, पूजा पर बिठा लेते थे। भोलानाथ के जिद करने पर वह उसके मस्तक पर भभूत से अर्धचंद्राकार रेखाएँ बना देते। वे उसे अपने कन्धों पर बिठा कर गंगा जी ले जाते। जहाँ वे कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों पर राम नाम लिख कर और उन्हें आटे की गोलियों में लपेटकर मछलियों को खिलाते। इसे देखकर भोलानाथ खूब हँसता था। वे रास्ते में झुके पेड़ों की डालों पर भोलानाथ को बैठाकर झूला झुलाते थे। कभी-कभी वे उसके साथ कुश्ती लड़ते और स्वयं हार जाते थे। पिताजी के बनावटी रोना रोने पर भोलानाथ खिलखिला कर हंसने लगता था। इस प्रकार पिता – पुत्र में बहुत घनिष्ठ आत्मीय संबंध था।