माता का अंचल
प्रश्न. ‘माता का अंचल’ पाठ में वर्णित बचपन और आज के बचपन में क्या अंतर है? क्या इस अंतर का प्रभाव दोनों बचपनों के जीवन मूल्यों पर पड़ा है? तर्क सहित सपष्ट कीजिए।
उत्तर : ‘माता का अंचल’ पाठ में वर्णित बचपन से आज के बचपन में बहुत अधिक अंतर आ गया है। पहले बच्चे सामूहिक रूप से घर के आसपास स्वच्छंद खुले वातावरण और प्राकृतिक परिवेश में खेलते थे किंतु अब वे केवल अपने घर या अपने कमरे तक सीमित होकर रह गए हैं। उनके खेलने की सामग्री भी भिन्न है। ऐसे में बच्चे प्राकृतिक परिवेश से दूर होते जा रहे हैं। साथ ही उनमें परस्पर सामंजस्य और सहयोग की भावना का भी अभाव हो रहा है। पहले बचपन को संयुक्त परिवार का प्रेम, संरक्षण और समय प्राप्त होता था। आज एकल परिवार में रहने के कारण कामकाजी माता- पिता के कार्य पर चले जाने के बाद बच्चे एकाकीपन का अनुभव करते हैं। ऐसे में बच्चे केवल टी.वी. देखकर या मोबाइल पर गेम खेलकर अपनी शाम और समय बिताते हैं। पहले बड़ों के संरक्षण में रहकर उन्हें बड़ों से स्नेह के साथ-साथ कहानियों के माध्यम से उचित जीवन मूल्य और संस्कार भी प्राप्त होते थे किंतु अब माता-पिता की व्यस्तता में बच्चों को समय न दिए जाने के कारण बच्चों में उचित संस्कारों और बड़ों का आदर, परस्पर सहयोग और सम्मान भावना जैसे जीवन मूल्यों का अभाव दिखाई देता है।