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माँ की परिभाषा


समुद्र ने कहा : माँ एक ऐसी सीप है, जो औलाद के लाखों राज़ अपने सीने में छिपा लेती है।

बादल ने कहा : माँ एक इन्द्रधनुष है, जिसमें हर रंग समाया है।

शायर ने कहा : माँ एक ऐसी गज़ल है, जो सुनने वाले के सीने में उतरती जाती है।

माली ने कहा : माँ बाग का वह फूल है, जिससे चमन की खूबसूरती बढ़ती है

औलाद ने कहा : माँ ममता की दास्तान है, जिसका कोई विकल्प नहीं होता।

भगवान ने कहा : माँ, मेरे स्थान पर मेरी ओर से और नायाब तोहफा है।