माँ का महत्व
आसमान ने कहा – माँ एक इन्द्रधनुष है जिसमें सभी रंग समाए हुए हैं।
शायर ने कहा – माँ एक ऐसी गज़ल है जो सभी के दिल में उतरती चली जाती है।
माली ने कहा – माँ एक दिलकश फूल है जो पूरे गुलशन को महकाता है ।
वेदव्यास जी ने कहा – माता के समान कोई गुरु नहीं है।
चाणक्य ने कहा – अन्न-जल के समान कोई दान नहीं, द्वादशी के समान कोई तिथि नहीं, गायत्री मंत्र से बड़ा कोई मंत्र नहीं। माँ से बड़ा कोई देवता नहीं।
औलाद ने कहा – माँ की ममता अनमोल दास्तान है जो हर दिल पर कुर्बान है।