महाकाल का स्तुतिगान : “जय श्री महाकाल”
“जय श्री महाकाल”
भारत मध्ये स्वयंभू ज्योतिर्लिंग, यजामहे,
हे पारब्रह्म परमेश्वर शिव शम्भू, दयामहे।
क्षिप्रा तट पे अवन्तिका, उज्जयिनी नगरी,
महादेव के मनन में, है मगन सगरी।
मां हरसिद्धीपीठ कालिका, विराजे,
शिव शिव जापे, आठ पहर चौंसठ घड़ी।
याचक शीष निवाते, यक्ष दक्ष करें भस्म आरती
श्रृंगार दर्शन, ऋषि मुनि ध्यानी हर हर हर करें भस्म लेपन,
बाजे झांझ मजीरा डमरू, मृदंग शह तगघड़ान
घिडनक तक नकधुम, तिटकत गदीगन धा।।
जय श्री महाकाल, जय जय श्री महाकाल… !
लेखक एवम् स्तुतिगायक : कैलाश खेर