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मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना शुभ या अशुभ

मंदिर से जूते चप्पल चोरी होना आम बात है। किसी भी प्रकार की चोरी को अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि जूते-चप्पल चोरी होना शुभ है।

यदि शनिवार के दिन ऐसा होता है तो इससे शनि के दोषों में राहत मिलती है। काफी लोग अपनी इच्छा से ही दान के रूप में मंदिरों के बाहर जूते-चप्पल छोड़ आते हैं। इससे पुण्य बढ़ता है।

नमक का दान

जरूरतमंद व्यक्ति को दान करने से बुरा समय दूर हो सकता है और श्रेष्ठ भोजन की प्राप्ति होती है। ध्यान रखें, कभी भी नमक दान में नहीं लेना चाहिए। इसका दान केवल जरूरतमंद और ब्राह्मण स्वीकार कर सकते हैं। शेष लोगों को इसका दान लेने से बचना चाहिए।

ईश्वर के स्वरूप

उसे शिव के रूप में सोचो तो शिव है, राम के रूप में सोचो तो राम है, कृष्ण के रूप में सोचो तो कृष्ण है। जैसी कल्पना करेंगे, ईश्वर को उसी स्वरूप में अनुभव करेंगे।

असल में तो ईश्वर का कोई स्वरूप ही नहीं है। जिस भी स्वरूप में हम उसकी कल्पना कर उसे पूजते हैं, उसी स्वरूप में वह हमें आशीर्वाद देता है।

घण्टी से वातावरण शुद्धि

मन्दिर हो या घर, पूजा के समय घण्टी बजाने से उठने वाली आवाज़ मन और मस्तिष्क से बुरे विचारों का नाश करती है। घण्टी बजाने से देवी-देवता भी चैतन्य हो जाते हैं। घण्टी बजाते समय एक कम्पन उत्पन्न होता है जो वातावरण शुद्ध करता है। इससे सभी प्रकार के विषाणु, जीवाणु और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं।