भाव पल्लवन : ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’
‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’
पल्लवन – इस संसार में ‘समय’ सबसे अमूल्य वस्तु है क्योंकि अन्य वस्तुएँ समाप्त होने पर दुबारा प्राप्त की जा सकती हैं परंतु जो समय एक बार बीत गया, वह लौटकर नहीं आता। जो व्यक्ति समय का आदर नहीं करता उपयुक्त समय पर अपना कार्य नहीं करता, वह बाद में हाथ मलकर रह जाता है। समय की गति को पहचानकर तदनुकूल आचरण करना ही सफलता का मूलमंत्र है। खेती सूख जाने के बाद यदि वर्षा हो भी जाए, तो उससे क्या लाभ? इसलिए व्यक्ति को अपना हर कार्य निश्चित समय पर और खूब सोच-विचार कर करना चाहिए। समय बीत जाने पर पश्चात्ताप करने या आँसू बहाने से कोई लाभ नहीं होता। बिना विचारे काम करने वाला मनुष्य बाद में पछताता है तथा उपहास का पात्र भी बनता है।