भक्तिन – सार
भक्तिन – महादेवी वर्मा (लेखिका)
लेखिका द्वारा अपनी सेविका भक्तिन के व्यक्तित्व का वर्णन
बचपन में माता के देहान्त के बाद विमाता ने 9 वर्ष की आयु में विवाह कर ससुराल भेज दिया। एक-एक कर तीन लड़कियों को जन्म देने के कारण भक्तिन को ससुराल में सास और जिठानियों द्वारा प्रताड़ित होना पड़ा। पति की मृत्यु होने पर भक्तिन की सम्पत्ति को हड़पने की कोशिश की गई। सफल न होने पर षड्यन्त्र रच भक्तिन की विधवा बेटी का ब्याह तीतर-बाज से करा दिया जिसने मेहनत से की गई उसकी कमाई को तीतर बाजी में उड़ाकर खत्म कर दिया और फिर शहर आकर लेखिका महादेवी जी के घर पर सेविका का कार्य किया और हमेशा लेखिका का साथ दिया।