बाल गीत – पेड़
पेड़
मुझको पत्थर से मत मारो,
जल से सींचो और दुलारो।
फ़ल तो वैसे ही देता हूं,
अपने लिए कहां रखता हूं।
मेरी शीतल छाया ले लो,
रूप – गंध भी तुम ही ले लो।
पल भर सोचो और विचारो,
मुझको पत्थर से मत मारो।
मत काटो, मत छाल उतारो,
अपना कह कर मुझे पुकारो।