बाल गीत – दीप
दीप
मैं नन्हा सा दीप मगर,
मुझसे है उजियारा घर।
जल कर मैं जीवन देता हूं,
औरों की खातिर जीता हूं।
अंधकार मेरा दुश्मन है,
मेरे कुल का यही वचन है।
जब अंधियारा मिट जाएगा,
तब मन मेरा सुख पायेगा।
मैं नन्हा सा दीप मगर,
मुझसे है उजियारा घर।