बाल कविता : ढूँढते रह जाओगे


चीजों में कुछ चीजें, बातों में कुछ बातें,

वो होंगी जिन्हें कभी देख न पाओगे,

इक्कीसवीं सदी में ढूंढते रह जाओगे|

बच्चों में संचपन, शीशों को कहना दर्पण,

Table की जगह पहाड़ा, शहर में अखाड़ा,

ढूँढते रह जाओगे।

आंखों में पानी, दादी की कहानी,

प्यार के दो पल, नल – नल में जल,

ढूँढते रह जाओगे।

आपस में प्यार, भरा – पूरा परिवार,

2 ₹ उधार और नेता ईमानदार,

ढूँढते रह जाओगे।