चीजों में कुछ चीजें, बातों में कुछ बातें,
वो होंगी जिन्हें कभी देख न पाओगे,
इक्कीसवीं सदी में ढूंढते रह जाओगे|
बच्चों में संचपन, शीशों को कहना दर्पण,
Table की जगह पहाड़ा, शहर में अखाड़ा,
ढूँढते रह जाओगे।
आंखों में पानी, दादी की कहानी,
प्यार के दो पल, नल – नल में जल,
ढूँढते रह जाओगे।
आपस में प्यार, भरा – पूरा परिवार,
2 ₹ उधार और नेता ईमानदार,
ढूँढते रह जाओगे।