CBSE 12 Sample paperClass 12(xii) Hindi

बाजार दर्शन – सार


बाजार दर्शन – जैनेंद्र कुमार


बाजार के मोह जाल में फँसे बिना आवश्यकताओं के लिए बाजार का उपयोग


सारांश


लेखक के मित्र अपनी पत्नी के साथ एक मामूली चीज खरीदने बाजार जाते हैं और ढेर सामान खरीदकर लौटते हैं। इसके लिए पत्नी को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। पैसा पावर है। संयमी लोग पैसा जोड़ते हैं व संग्रह को देख गर्व करते हैं। कुछ लोग ही बाजार के आकर्षण (जादू) से बच पाते हैं। उचित निर्णय-शक्ति वाले लोग ही बाजार की सार्थकता को सिद्ध करते हैं। वे बाजार से सच्चा लाभ उठाते हैं व बाजार को सच्चा लाभ देते हैं।