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बच्चों के बिना यह दुनिया उदास हो जाती।


सामान्य ज्ञान की असामान्य मौजूदगी को ही दुनिया बुद्धिमानी कहती है।

• प्रेम फूल की तरह होता है और दोस्ती पेड़ की छांव की तरह होती है।

• मैं अक्सर यह सोचता हूं कि बच्चों के बिना यह दुनिया कितनी उदास हो जाती और बुजुर्गों के बिना कितनी निर्दयी होती।

जो बात दिल से निकलती है, वही दिल तक पहुंच पाती है।

• मैंने सहनशीलता के समर्थन में होने वाली असहनशीलता को बहुत देखा है।

कविता तब ही अच्छी लग सकती है, जब व्यापक तौर पर समझी जाती है, संपूर्णता के साथ नहीं।

खामोशी हमेशा बुद्धिमानी नहीं दर्शाती।

आज में ही कल भी शामिल हो जाता है।

एस. टी. कॉलरिज